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सोनार (SONAR) शब्द Sound Navigation And Ranging से बना है …

सोनार (SONAR) शब्द Sound Navigation And Ranging से बना है। सोनार एक ऐसी युक्ति है जिसमें जल में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा तथा चाल मापने के लिए पराध्वनी तरंगों का उपयोग किया जाता है। सोनार में एक प्रेषित्र तथा एक संसूचक होता है और इसे किसी नाव या जहाज में लगाया जाता है। ये तरंगें जल में चलती हैं तथा समुद्र तल में पिंड से टकराने के पश्चात् परावर्तित होकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं। संसूचक पराध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में बदल देता है जिनकी उचित रूप से व्याख्या कर ली जाती है। जल में ध्वनी की चाल तथा पराध्वनि के प्रेषण तथा अभिग्रहण के समय अंतराल को ज्ञात करके उस पिंड की दूरी की गणना की जा सकती है जिससे ध्वनि तरंग परावर्तित हुई है। मान लीजिए पराध्वनि संकेत का प्रेषण तथा अभिग्रहण का समय अंतराल t 2d 2d = v × t उपरोक्त विधि को प्रतिध्वनिक-परास कहते हैं। सोनार की तकनीक का उपयोग समुद्र की गहराई ज्ञात करने तथा जल के अंदर स्थित चट्टानों, घाटियों, पनडुब्बियों, हिम शैल (प्लावी बर्फ), डूबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।