प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने के लिए पुरातात्विक सामग्रियाँ सर्वाधिक प्रामाणिक हैं। इसके अन्तर्गत मुख्यतः अभिलेख, सिक्के, स्मारक, भवन, मूर्तियां, चित्रकला आदि आते हैं। पुरातात्विक स्रोतों के अन्तर्गत सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्रोत अभिलेख हैं। सर्वाधिक प्राचीन अभिलेख मध्य एशिया के बोगजकोई नामक स्थान से लगभग 1400 ई. पू. में मिले थे। भारत में सबसे प्राचीन अभिलेख अशोक के हैं जो 300 ई. पू. लगभग हैं। अशोक के अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में है। सबसे अधिक अभिलेख मैसूर में मिले हैं। सर्वप्रथम 1837 में जेम्स प्रिंसेप ने ब्राह्मी लिपि में लिखित अशोक के अभिलेखों को पढ़ा था।
पुरातात्विक स्रोत प्राचीन भारत के रहस्यों और जटिलताओं को उजागर करते हुए अतीत में एक खिड़की प्रदान करते हैं।
पुरातात्विक स्रोत से हमे अपनी पुरानी सभ्यता और संस्कृति के बारे में पता चलता है, इससे पता चलता है की हमारी संस्कृति पहले कितनी विकसित थी और अब उसमें क्या बदलाव आए है।