प्राचीन कालीन धर्म : जैन, बौद्ध, वैष्णव, शैव, ईसाई एवं इस्लाम धर्म

  • जैन धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला प्राचीन धर्म और दर्शन है। सिन्धु घाटी से मिले जैन अवशेष जैन धर्म को सबसे प्राचीन धर्म का दर्जा देते है। जैन ग्रंथों (आगम्) के अनुसार वर्तमान में प्रचलित जैन धर्म भगवान आदिनाथ के समय से प्रचलन में आया था। जैन मान्यता के अनुसार जैन धर्म अनादि काल से चला आया है और अनंत काल तक चलता रहेगा। इस धर्म का प्रचार करने के लिए समय-समय पर अनेक तीर्थंकरों का आविर्भाव होता रहता है। जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में ऋषभदेव प्रथम और महावीर स्वामी अंतिम तीर्थंकर थे।
  • बौद्ध धर्म जिसे बुद्ध धर्म या धर्मविनय के नाम से भी जाना जाता है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है, जिसके 520 मिलियन से अधिक अनुयायी हैं जिन्हें बौद्ध कहा जाता है। बौद्ध धर्म 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में एक श्रमण आंदोलन के रुप में पूर्वी गंगा के मैदान में उत्पन्न हुआ और धीरे-धीरे सिल्क रोड के माध्यम से पूरे एशिया में फैल गया।बौद्ध परंपरा के अनुसार बुद्ध ने सिखाया कि लगाव या चिपकना दुःख का कारण बनता है। बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं को तप या सुखवाद जैसी चरम सीमओं के बीच एक मध्य मार्ग के रुप में माना है।
  • वैष्णव सम्प्रदाय भगवान विष्णु को ईश्वर मानने वालों का सम्प्रदाय है। विष्णु के भक्त को वैष्णव कहा जाता है। वैष्णव धर्म या वैष्णव सम्प्रदाय का प्राचीन नाम भागवत धर्म या पांचरात्र मत है। इस सम्प्रदाय के प्रधान उपास्य देव वासुदेव है, जिन्हें ज्ञान, शक्ति, बल, वीर्य, ऐश्वर्य और तेज गुणों से सम्पन्न होने के कारण भगवान या ‘भगवत’ कहा गया है।
  • शिव से सम्बन्धित धर्म को ‘शैव धर्म’ कहा गया है तथा इस धर्म के भक्तों और अनुयायियों को ‘शैव’। शैव धर्मावलंबियों के प्रधान इष्टदेव भगवान शिव हैं। यह उत्तरवैदिक कालीन नाम है। शैव धर्म एक प्राचीन धर्म है। जिसका साक्ष्य हमें हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो सभ्यता से ही मिल रहा है। उत्खन्न के दौरान हड़प्पा और मोहनजोदड़ों से अधिक से अधिक संख्या में मिट्टी, सीप और पत्थर के शिव लिंग मिलना उपर्युक्त तथ्यों की पुष्टि करता है।
  • ईसाई धर्म, ईसाइयत या मसीही धर्म नासरत के यीशु के जीवन पर शिक्षाओं पर आधारित एक इब्राहीमी एकेश्वरवादी धर्म है। यह दुनिया का सबसे बड़ा, सर्वाधिक जनसंख्या वाला सबसे व्यापक धर्म है, जिसके लगभग 2.4 अरब अनुयायी वैश्विक जनसंख्या का एक तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। अनुमान के अनुसार इसके अनुयायी जिन्हें ईसाई या मसीही कहा जाता है 157 देशों और क्षेत्रों में आबादी के बहुसंख्यक है। यह मानते हैं कि यीशु ईश्वर के पुत्र हैं जिनकी मसीहा के रुप में भविष्यवाणी हिब्रू बाइबिल (ईसाई धर्म में जिसे पुराना नियम कहा जाता है) में की गई थी और बाइबिल के नए नियम में इसका वर्णन किया गया है। यह विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक है जो प्राचीन यहूदी परंपरा से निकला है। ईसाई परंपरा के अनुसार इसकी शुरुआत प्रथम सदी ई. में फिलिस्तीन में हुई है। ईसाइयों के धर्मस्थल को गिरिजाघर कहते हैं।
  • इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। इस्लाम धर्म के पाँच अरकान कलमा, नमाज़, रोज़ा, ज़कात एवं हज है। इस्लाम धर्म में अमीर-गरीब सबको एक समान अधिकार दिया गया है। ‘इस्लाम’ शब्द एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘शांति, पवित्रता, समर्पण और सर्वशक्तिमान ईश्वर की इच्छा का पालन करना’ है। ‘इस्लाम’ का पूरा अर्थ स्वयं को सर्वशक्तिमान ईश्वर (अल्लाह) की इच्छा के प्रति समर्पित करके शांति की स्थिति प्राप्त करना है, और परिभाषा के अनुसार जो ऐसा करता है उसे ‘मुस्लिम’ कहा जाता है।
    ईसाइयों के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी धार्मिक आबादी धर्म इस्लाम है। इस्लाम धर्म का सर्वप्रमुख पवित्र ग्रंथ कुरान है।
    इस्लाम आदिकाल से आदम और हव्वा से लेकर न्याय के दिन तक सर्वशक्तिमान ईश्वर का धर्म रहा है।
    इस्लाम एकेश्वरवादी धर्म है जो अल्लाह की तरफ से अंतिम रसूल और नबी हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) द्वारा इंसानों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय किताब कुरान की शिक्षा पर स्थापित है। इस्लाम शब्द का अर्थ ‘अल्लाह को समर्पण’ इस प्रकार मुसलमान वह है, जिसने अपने आपको अल्लाह को समर्पित कर दिया यानी की इस्लाम धर्म के नियमों पर चलने लगा। इस्लाम धर्म का आधारभूत सिद्धांत अल्लाह को सर्वशक्तिमान, एकमात्र ईश्वर और जगत का पालनहार और हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को उनका पैगम्बर मानना है।