Notes

ट्राइक्लोरोमेथेन के गुण …

ट्राइक्लोरोमेथेन के गुण –
(a) क्लोरोफॉर्म को hv की उपस्थिति में ऑक्सीकरण करने पर फॉसजीन गैस का निर्माण किया जाता है।
(b) क्लोरोफॉर्म का Zn/Alcohol HCl की उपस्थिति में अपचयन करने पर मेथिल क्लोराइड यौगिक प्राप्त होता है।
(c) क्लोरोफॉर्म का Zn/HCl की उपस्थिति में अपचयन करने पर मेथिलीन क्लोराइड यौगिक का निर्माण होता है।
(d) क्लोरोफॉर्म का Zn/H2O की उपस्थिति में अपचयन करने पर मेथन प्राप्त होता है।
(e) क्लोरोफॉर्म को जालीय KOH की उपस्थिति में जल-अपचयन द्वारा पोटैशियम फॉर्मेट का निर्माण होता है।
(f) क्लोरोफॉर्म को Cl2, hv की उपस्थिति में क्लोरीनीकरण करके कार्बन टेट्राक्लोराइड का निर्माण होता है।
(g) क्लोरोफॉर्म को सान्द्र HNO3 की उपस्थिति में नाइट्रीकरण करके क्लोरोपिक्रिन यौगिक प्राप्त किया जाता है।
(h) क्लोरोफॉर्म को RNH2 + KOH की उपस्थिति में कार्बिलऐमीन अभिक्रिया में भाग दिलाकर आइसोसायनाइड यौगिक प्राप्त किए जाते है।
(i) क्लोरोफॉर्म को ऐसीटोन + NaOH की उपस्थिति में कीटोन के साथ संघनन करके क्लोरीटोन प्राप्त किया जाता है।
(j) क्लोरोफॉर्म को Ag की उपस्थिति में विहैलोजनीकरण करके ऐसिटिलीन यौगिक प्राप्त किया जाता है।
(k) क्लोरोफॉर्म को C6H5OH + NaOH की उपस्थिति में रीमर-टीमैन अभिक्रिया करके सैलिसिलैल्डिहाइड यौगिक का निर्माण किया जाता है।