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रसायनपरासरणी सिद्धान्त पीटर मीचेल द्वारा दी गयी एक जैव अवधारणा है …
रसायनपरासरणी सिद्धान्त पीटर मीचेल द्वारा दी गयी एक जैव अवधारणा है जिसके अनुसार,(1) कोशिकाएं जैविक झिल्लियों में इलेक्ट्रॉनों के हस्तांतरण के माध्यम से ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में ऊर्जा कैसे उत्पन्न करती हैं।
(2) माइटोकॉन्ड्रिया (या क्लोरोप्लास्ट में प्रकाश संश्लेषक झिल्ली) में इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के माध्यम से इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण मैट्रिक्स (या स्ट्रोमा) से थायलाकोइड लुमेन में प्रोटॉन के पंपिंग की ओर जाता है और एक विद्युत रासायनिक ढाल का निर्माण करता है। यह विद्युत रासायनिक ढाल, या प्रोटॉन मोटिव बल, एटीपी के संश्लेषण को एंजाइम एटीपी सिंथेज़ के माध्यम से संचालित करता है, जो एडीपी (एडेनोसिन डाइफॉस्फेट) और अकार्बनिक फॉस्फेट (पीआई) से एटीपी के संश्लेषण को शक्ति देने के लिए ढाल में संग्रहीत संभावित ऊर्जा का उपयोग करता है।
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Rasayanparasarni siddhant Peter Mitchel dwara di gayi ek jaiv avadharana hai …
Tags: पीटर मीचेलरसायनपरासरणी सिद्धान्त
Subjects: Biology
Exams: NEET