Notes

अनिश्चित्ता का सिद्धान्त हाइजेनबर्ग नामक वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया। अनिश्चित्ता सिद्धान्त के अनुसार “किसी गतिमान कण की स्थिति और संवेग का एक साथ यथार्थ निर्धारण असम्भव है।”

अनिश्चित्ता का सिद्धान्त हाइजेनबर्ग नामक वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया। अनिश्चित्ता सिद्धान्त के अनुसार “किसी गतिमान कण की स्थिति और संवेग का एक साथ यथार्थ निर्धारण असम्भव है।”
(Δx) · (Δp) ≥ h/4π
जहाँ,
Δx = कण की स्थिति की अनिश्चितता
Δp = कण की संवेग की अनिश्चितता
h = प्लांक नियतांक (6.63 × 10-34)