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अपूर्ण प्रभाविता क्रिया …

अपूर्ण प्रभाविता क्रिया में यदि समयुग्मजी शुद्ध बौनों पौधों तथा समयुग्मजी शुद्ध लम्बे पौधों में संकरण की क्रिया कराया जाता है तो उत्पन्न पौधों (F1 पीढ़ी) विषमयुग्मजी लम्बे होते हैं अर्थात F1 पीढ़ी के पौधों में नए लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।