Notes
आवेश संरक्षण के सिद्धान्त के अनुसार ‘आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। आवेश का केवल पुनर्वितरण किया जाता है।’
आवेश संरक्षण के सिद्धान्त की खोज बेंजामिन फ्रैंकलिन नामक वैज्ञानिक ने की थी। आवेश संरक्षण के सिद्धान्त के अनुसार ‘आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। आवेश का केवल पुनर्वितरण किया जाता है।’ अर्थात् आवेश ब्रह्माण्ड के संरक्षित रूप में उपस्थित है।Subscribe to our youtube channel!
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Hinglish Excerpt
Avesh sanrakshan ke siddhant ke anusar ‘avesh ko na to utpann kiya ja sakta hai aur na hi nasht kiya ja sakta hai …
Tags: आवेश संरक्षणआवेश संरक्षण का सिद्धान्त
Subjects: Physics