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कार्बनिक यौगिकों के IUPAC नामकरण …

कार्बनिक यौगिकों के IUPAC नामकरण –
(1) सर्वप्रथम दिये गये यौगिक में कार्बन परमाणुओं की सबसे लम्बी श्रृंखला को चुन लेते हैं।
(2) कार्बन परमाणुओं की चुनी गई श्रृंखला में कार्बन परमाणुओं की संख्या क्रम से लिखते हैं। संख्याओं का क्रम उस सिरे से प्रारम्भ करते हैं जो पार्श्व-श्रृंखला या क्रियात्मक समूह को वहन करने वाले कार्बन परमाणुओं को निम्नतम् संख्या दे। यदि चुनी गई श्रृंखला में दो या अधिक प्रतिस्थापी होते हैं, तो उस स्थिति में संख्या इस प्रकार दी जानी चाहिए कि पितृ श्रृंखला में उपस्थित सभी का योग न्यूनतम् सम्भव हो।
(3) जब श्रृंखला के सिरों पर समरूप स्थितियों में दो एल्किल समूह उपस्थित हों, तो साधारण पार्श्व श्रृंखला को न्यूनतम् संख्या देकर संख्याबद्ध करना चाहिए।
(4) यदि पितृ श्रृंखला में दो या अधिक ऐल्किल समूह जुड़े हों, तो इन्हें अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार वरीयता में लिखा जाता है।
(5) यदि एक प्रतिस्थापी दो या अधिक बार उपस्थित है, तो कार्बन परमाणुओं की ऐसी सबसे लम्बी श्रृंखला चुनते हैं, जिसमें क्रियात्मक समूहों की अधिकतम संख्या होती है। अब कार्बन श्रृंखला को इस प्रकार संख्याबद्ध किया जाता है कि क्रियात्मक समूह को सम्भावित न्यूनतम संख्या प्राप्त हो।
(6) यदि एक प्रतिस्थापी दो या अधिक बार उपस्थित है, तो इस प्रतिस्थापी के साथ डाइ-, ट्राइ-, टेट्रा- आदि लगाकर निरूपित करते हैं।
(7) क्रियात्मक समूह की स्थिति की संख्या को तीनों में से किसी एक प्रकार से निरूपित किया जा सकता है।