Notes

चतुः-संयोजकता – चतुःसंयोजी होने की अवस्था अर्थात् वह अवस्था जिसमें किसी तत्व की चार संयोजकताएँ होती है।

चतुः-संयोजकता – चतुःसंयोजी होने की अवस्था अर्थात् वह अवस्था जिसमें किसी तत्व की चार संयोजकताएँ होती है।