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क्लोरोबेन्जीन के गुण …

क्लोरोबेन्जीन के गुण –
(a) क्लोरोबेन्जीन को +NaOH ka 300°C पर अभिकृत कराने पर फिनॉल यौगिक का निर्माण होता है।
(b) क्लोरोबेन्जीन को +NH3, Cu2O को 250°C पर अभिकृत कराने पर ऐनिलीन यौगिक प्राप्त होते है।
(c) क्लोरोबेन्जीन को +NaNH2 को द्रव तथा NH3 के साथ अभिकृत कराने पर ऐनिलीन यौगिक प्राप्त होता है।(d) क्लोरोबेन्जीन को +CuCN को पिरिडिन की उपस्थिति में 250°C पर अभिकृत कराने पर फेनिल सायनाइड का निर्माण होता है।
(e) क्लोरोबेन्जीन को + 2[H] को Ni-Al/NaOH की उपस्थिति में अभिकृत कराने पर बेन्जीन यौगिक का निर्माण होता है।
(f) क्लोरोबेन्जीन को + Na तथा CH3 एवं शुष्क ईथर की उपस्थिति में वुर्ट्ज-फिटिग अभिक्रिया कराने पर टॉलूईन यौगिक प्राप्त होता है।
(g) क्लोरोबेन्जीन को Cl2/FeCl3 की उपस्थिति में हैलोजनीकरण करने से ऑर्थो तथा पैरा डाइक्लोरोबेन्जीन का मिश्रण प्राप्त होता है।
(h) क्लोरोबेन्जीन को + Mg तथा ईथर की उपस्थिति में अभिकृत कराने पर फेनिल मैग्नीशियम क्लोराइड यौगिक का निर्माण होता है।
(i) क्लोरोबेन्जीन को सान्द्र HNO3 तथा सान्द्र H3SO3 की उपस्थिति में नाइट्रीकरण करने पर ऑर्थो तथा पैरा क्लोरोनाइट्रोबेन्जीन का मिश्रण प्राप्त होता है।
(j) क्लोरोबेन्जीन को सधूम H2SO4 की उपस्थिति में सल्फोनीकरण करने पर ऑर्थो तथा पैरा क्लोरोबेन्जीन सल्फोनीकरण अम्ल का मिश्रण प्राप्त होता है।
(k) क्लोरोबेन्जीन को +CH3 तथा AlCl3 की उपस्थिति में फ्रीडल क्राफ्ट अभिक्रिया कराने पर ऑर्थो तथा पैरा क्लोरो टॉलूईन का मिश्रण प्राप्त होता है।
(l) क्लोरोबेन्जीन को सान्द्र CCl3CHO तथा H2SO4 (सान्द्र) की उपस्थिति में अभिकृत करने पर DDT प्राप्त होता है।