Notes
एक चुम्बकीय सुई चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर स्थित है, इसको 60° घुमाने में W कार्य करना पड़ता है। इसी अवस्था में बने रहने के लिए आवश्यक बल आघूर्ण √3 W होगा।
एक चुम्बकीय सुई चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर स्थित है, इसको 60° घुमाने में W कार्य करना पड़ता है। इसी अवस्था में बने रहने के लिए आवश्यक बल आघूर्ण √3 W होगा।
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Hinglish Excerpt
Ek chumbakiy sui chumbakiy kshetr ke samantar sthit hai, isko 60° ghumane mein W karya karna padta hai. Isi avastha mein bane rahane ke lie avashyak bal aghurn √3 W hoga.
Tags: चुम्बकीय क्षेत्रचुम्बकीय सुईबल आघूर्ण
Subjects: Physics