Notes
एक p-प्रारूपी के अर्द्धचालक में ग्राही स्तर संयोजकता बैण्ड से 57 meV ऊपर स्थित है। एक विवर उत्पन्न करने के लिए प्रकाश का आवश्यक अधिकतम तरंगदैर्ध्य 217100 Å होगा।
एक p-प्रारूपी के अर्द्धचालक में ग्राही स्तर संयोजकता बैण्ड से 57 meV ऊपर स्थित है। एक विवर उत्पन्न करने के लिए प्रकाश का आवश्यक अधिकतम तरंगदैर्ध्य 217100 Å होगा।
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Hinglish Excerpt
Ek p-prarupi ke arddhachalak mein grahi star sanyojakta band se 57 meV upar sthit hai ek viver utpann karne ke lie prakash ka avashyak adhikatam tarangadairdhya 217100 Å hoga.
Tags: p-प्रारूपी के अर्द्धचालकअर्द्धचालकतरंगदैर्ध्यसंयोजकता बैण्ड
Subjects: Physics