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एक वैद्युत द्विध्रुव जब एकसमान वैद्युत क्षेत्र E में रखा जाता है …

एक वैद्युत द्विध्रुव जब एकसमान वैद्युत क्षेत्र E में रखा जाता है जो उसकी स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होने के लिए उसके द्विध्रुव आघूर्ण की धनात्मक दिशा व वैद्युत क्षेत्र E की दिशा की बीच के कोण का मान शून्य होगा।