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जीन अवधारणा …

जीन अवधारणा –
(1) जीन कशेरूकिय प्राणियों एवं पादपों में उपस्थित DNA का एक खण्ड है जो प्रोटीन संश्लेषण की क्रिया को नियन्त्रित करता है।
(2) बेन्जर ने जीन की कार्यात्मक इकाई के लिए सिस्ट्रॉन शब्द, रिकॉम्बिनेशन की इकाई के लिए रिकॉन शब्द तथा उत्परिवर्तन की इकाई के लिए म्यूटॉन शब्द प्रतिपादित किये।
(3) बारबरा मैकक्लिन्टॉक नामक वैज्ञानिक ने 1950 ईसवी में मक्का के पौधे पर जम्पिंग जीन या ट्रांसपोसोन या ट्रांसपोजेबल तत्व की खोज की।
(4) विभक्त जीन यूकैरियोट में उपस्थि वे जीन है जो सतत् नहीं होते वरन् इन्ट्रॉन व एक्सॉन में विभक्त होते है।
(5) कान्सटिट्यूटिव जीन कोशिका में उपस्थित वे जीन है जो कोशिका में लगातार अभिव्यक्त होते रहते है, क्योंकि इनके उत्पाद कोशिका की सामान्य क्रियाओं के लिए जरूरी होती है। कान्सटिट्यूटिव जीन को कोशिका का हाऊस कीपिंग जीन भी कहते है।
(6) एक जीन-एक एन्जाइम वाद जॉर्ज बीडल एवं एडवार्ड टाटम ने प्रस्तुत किया था।