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जीन क्रिया का नियमन …

जीन क्रिया का नियमन –
(1) जैकोब तथा मोनोड ने ई. कोलाई में लैक्टोस के अपचय के अध्ययन के आधार पर लैक ओपेरॉन मॉडल प्रस्तुत किया।
(2) लैक्टोस उपापचय के लिए आवश्यक तीन एन्जाइमों बीटा-ग्लेक्टोसाइडेस, परमिएस तथा ट्रांसएसिटाइलेज का संश्लेषण तीन संरचनात्मक जीनों z, y, a होता है। इन तीनों संरचनात्मक जीनों का नियन्त्रण प्रचालक जीन, रेगुलेटर जीन से उत्पन्न दमनकर पदार्थ द्वारा करता है।
(3) बीटा-ग्लाक्टोसाइडेस, लैक्टोस को ग्लूकोस तथा गेलेक्टोस में तोड़ देता है।
(4) प्रेरक – एक रासायनिक पदार्थ (क्रियाधार, हॉर्मोन या अन्य उपापचयी पदार्थ) है जो दमनकारी पदार्थ से जुड़कर इसे नॉन-DNA बंधन अवस्था में परिवर्तित कर देता है जिससे प्रचालक जीन स्वतन्त्र हो जाती है।
(5) यूकैरियोटिक जीन में नियमन की प्रक्रिया और भी जटिल होती है आर जे ब्रिटेन तथा एच डेविडसन ने 1969 में यूकैरियोट में जीन क्रिया के नियमन के लिए जीन बैटरी मॉडल प्रस्तुत किया।