Notes

महायान शाखा के अन्तर्गत भगवान बुद्ध की पूजा मूर्तिरुप में होने लगी थी।

महायान शाखा के अन्तर्गत भगवान बुद्ध की पूजा मूर्तिरुप में होने लगी थी।