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मूल आवृत्ति (Fundamental frequency) को प्रथम सन्नादी के रूप में भी जाना जाता है …

मूल आवृत्ति (Fundamental frequency) को प्रथम सन्नादी के रूप में भी जाना जाता है। मूल आवृत्ति आवधिक तरंग की न्यूनतम आवृत्ति है। मूल आवृत्ति तब उत्पन्न होती है जब डोरी को बीच से पकड़ा जाता है तब यह एक लूप में कम्पन्न करती है जिसके कसे सिरों पर निस्पन्द तथा बीच में प्रस्पन्द का निर्माण होता है।
l = λ1/2
या
λ1 = 2l
यदि n1 तरंग की आवृत्ति हो, तब
n1 = v/λ1
या
n1 = v/2l