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पारिस्थितिक तन्त्र में ऊर्जा का प्रवाह …

पारिस्थितिक तन्त्र में ऊर्जा का प्रवाह –
(1) हरे पेड़-पौधे या उत्पादक सूर्य के प्रकाश से पूर्ण होने वाली प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदल कर देते हैं।
(2) पारिस्थितिक तन्त्र में ऊर्जा एक स्थान से दुसरे स्थान तक जाने की क्रिया एकदिशीय (unidirectional) होती है।
(3) सूर्य पारिस्थितिक तन्त्र में ऊर्जा का मूल स्त्रोत है।
(4) लिन्डेमान (Lindeman; 1942) के 10% नियम के अनुसार एक पोषक स्तर से दूसरे पोषक स्तर में ऊर्जा का केवल 10% भाग एक स्थान से दुसरे स्थान तक गमन करता है, शेष 90% ऊर्जा खराब हो जाती है।