Notes

पीड़ाहारी चेतनाहीन किये बिना ही पीड़ा का शमन करने वाली औषधी को कहते है। जैसे – ऐस्प्रिन, नवालजिन।

पीड़ाहारी चेतनाहीन किये बिना ही पीड़ा का शमन करने वाली औषधी को कहते है। जैसे – ऐस्प्रिन, नवालजिन।