Notes

स्थलाकृतिक कारक (Topographic Factors) …

स्थलाकृतिक कारक (Topographic Factors) –
(1) अधिक ऊँचाई (altitude) पर हवा की गति, आपेक्षिक आर्द्रता तथा सूर्य के प्रकाश की तीव्रता बढ़ जाती है, जबकि उस स्थान का तापमान तथा हवा का दाब कम हो जाता है।
(2) अधिक ढलान (slope) के कारण जल के तेजी से बहने के कारण मृदा अपरदन (soil erosion) होता है। घाटियों में ह्यूमस जमा होने से वहाँ घनी वनस्पतियाँ एवं पेड़-पौधे तथा ढलान पर कम वनस्पति या पेड़-पौधे पैदा होते है।
(3) ढलान की दिशा (direction of slope) भी वनस्पति के विकास को प्रभावित करती है। हिमालय के दक्षिणी ढलानों पर सूर्य के प्रकाश को पूर्ण रूप से पहुँचनें के कारण घने वन होते हैं।