एक्ट ऑफ सेटलमेन्ट, 1781 के अन्तर्गत कलकत्ता की सरकार को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि निर्माण की शक्ति प्रदान की गयी थी।
एक्ट ऑफ सेटलमेन्ट, 1781 के द्वारा गवर्नर जनरल की परिषद और सर्वोच्च न्यायालय के बीच संबंधों का सीमांकन किया गया था।
रेग्यूलेटिंग एक्ट की कमियों के निवारण हेतु एक्ट ऑफ सेटलमेन्ट, 1781 लाया गया था।