किसानों के लिए प्राकृतिक हलवाहों का काम केंचुएँ करते है।
केंचुएँ का उत्सर्जी अंग क्या है?
केंचुएँ का उत्सर्जी अंग क्लोरैगोगन कोशिकाएँ है।
केंचुएँ के मुखाग्र को क्या कहते हैं?
केंचुएँ के मुखाग्र को प्रोस्टोमियम कहते है।
केंचुएँ के शरीर के प्रथम खण्ड को क्या कहते हैं?
केंचुएँ के शरीर के प्रथम खण्ड को पेरिस्टोमियम कहते है।
केंचुएँ के शरीर में 100 से 120 खण्ड पाये जाते है।
केंचुएँ के शरीर में कितने खण्ड पाये जाते हैं?
केंचुएँ में उत्सर्जन किसके द्वारा होता है?
केंचुएँ में उत्सर्जन क्लोरैगोगन कोशिकाओं के द्वारा होता है।
केंचुएँ में उत्सर्जन नेफ्रिडिया के द्वारा होता है।
केंचुएँ में उत्सर्जी अंग के रूप में कौन कार्य करता है?
केंचुएँ में उत्सर्जी अंग के रूप में नेफ्रीडिया कार्य करता है।
केंचुए में कितनी जोड़ी हृदय होते हैं?
केंचुएँ में क्लाइटेलम 14वें, 15वें एवं 16वें खण्डों में पाया जाता है।
केंचुएँ में क्लाइटेलम कहाँ पाया जाता है?
केंचुएँ में गमन सीटी के द्वारा होता है।
केंचुए में चार जोड़ी हृदय होते हैं।
क्लोरोगोगन कोशिका केंचुएँ में पायी जाती है।
क्लोरोगोगन कोशिका केंचुएँ में पायी जाने वाली कोशिका है जो केंचुएँ के उत्सर्जन में सहायता प्रदान करती है।
भारतीय केंचुएँ को प्रचलन अंग-शूक के आधार पर बाँटा गया है।
मेटामीयर मिट्टी में उपस्थित केंचुएँ के शरीर पर पाया जाने वाले खण्ड है।