किसी पात्र में भरी ऑर्गन गैस का ताप, नियत आयतन पर, 1°C बढ़ दिया जाता है। गैस को दी गई ऊष्मा, स्थानान्तरीय एवं घूर्णन ऊर्जाओं का योग 100% और 0% होगा।