एसिटोबैक्टर एसिटी जीवाणु का प्रयोग सिरका बनाने में किया जाता है।
चाय की पत्तियों को स्वाद व सुगन्ध देने के लिए माइकोकोकस कन्डीडेंस जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।
तम्बाकू की पत्तियों का स्वाद बढ़ाने के लिए बैसिलस मैगाथीरीयम जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।
बैसिलस मैगाथीरीयम जीवाणु का प्रयोग तम्बाकू की पत्तियों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।
माइकोकोकस कन्डीडेंस जीवाणु का प्रयोग चाय की पत्तियों को स्वाद व सुगन्ध देने के लिए किया जाता है।
माइक्रोकोकस ग्लूटेमिकस जीवाणु का प्रयोग लाइसीन बनाने के लिए किया जाता है।
लाइसीन बनाने के लिए माइक्रोकोकस ग्लूटेमिकस जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।
लेक्टोबैसिलस डेलबुक्री जीवाणु का प्रयोग लैक्टिक अम्ल बनाने के लिए किया जाता है।
लैक्टिक अम्ल बनाने के लिए लेक्टोबैसिलस डेलबुक्री जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।
लैक्टिक एसिड के निर्माण में लेक्टोबैसिलस डेलबुक्री जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।
सिरका बनाने के लिए एसिटोबैक्टर एसिटी जीवाणु का प्रयोग किया जाता है।