ऐसे तत्व जो इलेक्ट्रॉन को त्याग कर धनायन प्रदान करते हैं, उसे क्या कहते हैं?
किसी धातु में विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करने पर दो आवेशित भाग ऋणायन एवं धनायन में अपघटित होना विद्युत अपघटन कहलाता है।
क्षार धातुओं के धनायन बनाने की प्रकृति कहाँ से कहाँ तक बढ़ती है?
क्षार धातुओं के धनायन बनाने की प्रकृति लिथियम से सीजियम तक बढ़ती है।
जिस तत्व का आयनन विभव कम होता है, वह आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन बना सकता है।
धनायन की आयनिक त्रिज्या उसके संगत परमाणु त्रिज्या से कम होती है।
धनायन की आयनिक त्रिज्या उसके संगत परमाणु त्रिज्या से कैसी होती है?
धनायनों की जलयोजन ऊर्जा में कमी के कारण मैग्नीशियम समूह में कार्बोनेटों की जल में विलेयता कम हो जाती है।
धनायनों की जलयोजन ऊर्जा में कमी के कारण मैग्नीशियम समूह में कार्बोनेटों की जल में विलेयता कैसी हो जाती है?
प्रबल विद्युत्-अपघट्य होने के कारण लवण जलीय विलयन में धनायन एवं ऋणायन देते है।
मैग्नीशियम समूह में कार्बोनेटों की जल में विलेयता कम हो जाती है क्योंकि इनकी धनायनों की जलयोजन ऊर्जा में कमी आ जाती है।
मैग्नीशियम समूह में कार्बोनेटों की जल में विलेयता कम होने का कारण धनायनों की जलयोजन ऊर्जा में कमी है।
लवण जलीय विलयन में धनायन प्रबल विद्युत्-अपघट्य होने के कारण देते है।
समइलेक्ट्रॉनिक स्पिशीज में ऋणायन का आकार धनायन की अपेक्षा कैसा होता है?