असमान पूर्णभंजी (Unequal holoblastic) एक प्रकार का भ्रूणीय कोशिका विभाजन है जिसमें साइटोप्लाज्म में बड़ी मात्रा में पीतक पाया जाता है।
टीलोलेसिथल में पीतक या जर्दी गोलार्ध की ओर अधिक मात्रा में उपस्थित होते है एवं इसे गोलार्धपीतकी भी कहा जाता है।
पीतक की मात्रा के आधार पर अण्डे कितने प्रकार के होते है?
पीतक की मात्रा के आधार पर अण्डे तीन प्रकार के होते है।
पीतक की स्थिति के आधार पर अण्डे कितने प्रकार के होते है?
पीतक की स्थिति के आधार पर अण्डे तीन प्रकार के होते है।
पीतक की स्थिती के आधार पर अण्डे कितने प्रकार के होते है?
पीतक की स्थिती के आधार पर अण्डे तीन प्रकार के होते है।
पोलीलेसिथल वह अवस्था है जिसमें अण्डों में अधिक मात्रा में पीतक या जर्दी उपस्थित होती है एवं इस अवस्था को अतिपीतकी भी कहा जाता है।
भ्रूण के भोजन का मुख्य स्त्रोत पीतक है।
भ्रूण पीतक कोष के द्वारा घिरा होता है।
विदलन पीतक की मात्रा एवं वितरण पर निर्भर करता है।
सेण्ट्रोलेसिथल वह अवस्था है जिसमें पीतक या जर्दी अण्डों के केन्द्र या मध्य में स्थित होती है एवं इस अवस्था को केन्द्रपीतकी भी कहा जाता है।