कार्बोलिक अम्ल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण कार्बोलिक अम्ल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर होता है।
कार्बोलिक अम्ल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण कैसे होता है?
कार्बोलिक अम्ल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर बैकेलाइट का निर्माण होता है।
फिनॉल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण कैसे होता है?
फिनॉल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण फिनॉल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर होता है।
फिनॉल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर बैकेलाइट का निर्माण होता है।
फेनोलिक अम्ल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण कैसे होता है?
फेनोलिक अम्ल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण फेनोलिक अम्ल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर होता है।
फेनोलिक अम्ल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर बैकेलाइट का निर्माण होता है।
बेन्जेनॉल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर बैकेलाइट का निर्माण होता है।
बेन्जेनोल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण कैसे होता है?
बेन्जेनोल के द्वारा बैकेलाइट का निर्माण बेन्जेनोल को अम्लीय मेथेनल के साथ लेडेरर-मैनासे अभिक्रिया में क्रिया कराने पर होता है।
बैकेलाइट किसके संघनन से प्राप्त किया जाता है?
बैकेलाइट कैसे बनता है?
बैकेलाइट को बनाने के लिए फिनॉल यौगिक एवं फार्मेल्डिहाइड यौगिक को अभिकृत किया जाता है।
बैकेलाइट यह फिनॉल तथा फार्मल्डिहाइड को सोडियम हाइड्रोक्साइड की उपस्थिति में गरम करके प्राप्त किया जाता है।