‘इंकलाब जिन्दाबाद’ का नारा भगत सिंह तथा मोहम्मद इकबाल ने दिया था।
‘क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से ही आती है’ यह भगत सिंह ने कहा था।
उत्तर भारत में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और चन्द्रशेखर आजाद के मृत्यु के बाद किस क्रांतिकारी संस्था की गतिविधियों का सदैव के लिए अंत हो गया था?
उत्तर भारत में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और चन्द्रशेखर आजाद के मृत्यु के बाद हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन (एच.एस. आर.ए.) क्रांतिकारी संस्था की गतिविधियों का सदैव के लिए अंत हो गया था।
ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी 23 मार्च, 1931 ई० में दी थी।
ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी कब दी थी?
ब्रिटिश सरकार में लाहौर के सहायक पुलिस अधीक्षक साण्डर्स की हत्या भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद व राजगुरु द्वारा की गई थी।
भगत सिंह ने 8 अप्रैल 1929 ई० को केन्द्रीय विधान मण्डल में बम फेंकते समय कौन सा नारा दिया था?
भगत सिंह ने 8 अप्रैल, 1929 ई० को केन्द्रीय विधान मण्डल में बम फेंकते समय ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ का नारा दिया था।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में 23 मार्च को शहीदी दिवस के रुप में मनाया जाता है।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में शहीदी दिवस कब मनाया जाता है?
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी 1931 ईसवी में दी गई थी।
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी कब दी गई थी?
लाहौर षड्यंत्र केस में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सहित 19 लोगों को फांसी की सजा हुई थी।
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय विधान मण्डल में बम 8 अप्रैल, 1929 ई० को फेंका था।
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय विधान मण्डल में बम कब फेंका था?
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय विधान मण्डल में बहस के दौरान बम फेंका था।
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना चन्द्रशेखर आजाद एवं भगत सिंह ने की थी।