कंकालीय संयोजी ऊतक मीसोडर्म से विकसित होता है।
चर्म का निर्माण मीसोडर्म के द्वारा होता है।
परिसंचरण तन्त्र केवल मीसोडर्म से विकसित होता है।
मीसेनकाइमा का निर्माण मीसोडर्म के द्वारा होता है।
मीसेनकाइमा शरीर में उपस्थित वे ऊतक है जिनका निर्माण मीसोडर्म द्वारा होता है। हर्टविग ने 1883 ईसवी में मीसेनकाइमा नाम सम्बोधित किया।
संयोजी ऊतक की उत्पत्ति मीसोडर्म से होती है।