रूद्धोष्म रीति

एक गैस को रूद्धोष्म रीति से संपीडित करके इसका तापक्रम दोगुना कर दिया जाता है। इसके अन्तिम आयतन का प्रारम्भिक आयतन से अनुपात 1/2 से कम होगा।

एक गैस को रूद्धोष्म रीति से संपीडित करके इसका तापक्रम दोगुना कर दिया जाता है। इसके अन्तिम आयतन का प्रारम्भिक आयतन से अनुपात क्या होगा?

सामान्य ताप व दाब पर 1 मोल द्विपरमाणविक गैस को रूद्धोष्म रीति से संपीडित करके इसका आयतन आधा कर दिया जाता है, तब गैस पर किया गया कार्य क्या होगा?

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