केन्द्रीय परमाणु पर लगे विद्युत-ऋणात्मक तत्वों की संख्या अधिक होगी तो अम्लीय प्राबलता अधिक होगी।
केन्द्रीय परमाणु पर लगे विद्युत-ऋणात्मक तत्वों की संख्या अधिक होगी तो अम्लीय प्राबलता कैसी होगी?
केन्द्रीय परमाणु पर लगे विद्युत-ऋणात्मक तत्वों की संख्या कम होगी तो अम्लीय प्राबलता कम होगी।
केन्द्रीय परमाणु पर लगे विद्युत-ऋणात्मक तत्वों की संख्या कम होगी तो अम्लीय प्राबलता कैसी होगी?
वह अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ से विद्युत ऋणात्मक तत्व का पृथक्करण होता है, उस अभिक्रिया को अपचयन अभिक्रिया कहते है।
वह अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ से विद्युत ऋणात्मक तत्व का पृथक्करण होता है, उस अभिक्रिया को क्या कहते है?
वह अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ से विद्युत ऋणात्मक तत्व का संयोग होता है, उस अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते है।
वह अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ से विद्युत ऋणात्मक तत्व का संयोग होता है, उस अभिक्रिया को क्या कहते है?
सर्वाधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व का बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np5 है।