प्रेरकों का संयोग दो प्रकार से होता है।
श्रेणी क्रम में प्रेरकों का संयोग इस प्रकार होता है कि उनके बीच अन्योन्य प्रेरकत्व के द्वारा कोई पारस्परिक क्रिया नहीं होती है।