अन्तराली संयोजी ऊतक का कार्य ऊतकों के बीच का स्थान भरना एवं उन्हें जोड़ने व अंगों को उनके स्थान पर बनाये रखना है।
अन्तराली संयोजी ऊतक का कार्य क्या है?
अन्तराली संयोजी ऊतक त्वचा के नीचे, खोखले अंगों व धमनी तथा शिराओं की भित्तियों पर पाया जाता है।
अपमार्जक कोशिका वास्तविक संयोजी ऊतक में उपस्थित कोशिकाएँ है जिसे मेक्रोफेज कोशिकाएँ भी कहते है। मस्तिष्क की ग्लीयल कोशिका, यकृत की कुप्फर कोशिका तथा रूधिर की मोनोसाइट कोशिकाएँ अपमार्जक कोशिकाएँ ही होती है।
अस्थि मज्जा में जालिकामय संयोजी ऊतक पाया जाता है।
आँख के विट्रस ह्यूमर में श्लेष्मी संयोजी ऊतक पाया जाता है।
आन्त्र के पेयर के चकतों में जालिकामय संयोजी ऊतक पाया जाता है।
कंकालीय संयोजी ऊतक का कार्य क्या है?
कंकालीय संयोजी ऊतक का कार्य शरीर के कोमल अंग को सहारा देना और उसकी रक्षा करना है।
कंकालीय संयोजी ऊतक का निर्माण किसके द्वारा होता है?
कंकालीय संयोजी ऊतक का निर्माण ठोस मैट्रिक्स और कोशिकाओं के द्वारा होता है।
कंकालीय संयोजी ऊतक किससे विकसित होता है?
कंकालीय संयोजी ऊतक मीसोडर्म से विकसित होता है।
कोलेजन रेशे संयोजी ऊतक के मुख्य संघटन है जिनका निर्माण शरीर में उपस्थित प्रोटीन के द्वारा होता है।
कोशिकाओं की रचना के आधार पर जन्तु ऊतक चार प्रकार के होते है।
कोशिकाओं के अन्तराकोशिकीय पदार्थ के आधार पर जन्तु ऊतक चार प्रकार के होते है।
कोशिकाओं के आकार के आधार पर जन्तु ऊतक चार प्रकार के होते है।
खोखले अंगों में अन्तराली संयोजी ऊतक पाया जाता है।
जन्तु ऊतक चार प्रकार के होते है।
जालिकामय संयोजी ऊतक का कार्य क्या है?
जालिकामय संयोजी ऊतक का कार्य शरीर की प्रतिरक्षा में सहायता प्रदान करना है।
जालिकामय संयोजी ऊतक किनमें पाया जाता है?
जालिकामय संयोजी ऊतक की मुख्य-कोशिका क्या है?
जालिकामय संयोजी ऊतक की मुख्य-कोशिका मेक्रोफेज कोशिका है।
जालिकामय संयोजी ऊतक प्लीहा में किस रूप में होता है?
जालिकामय संयोजी ऊतक प्लीहा में लाल पल्प एवं श्वेत पल्प के रूप में, थाइमस, अस्थि मज्जा तथा आन्त्र के पेयर के चकतों में पाया जाता है।
जालिकामय संयोजी ऊतक प्लीहा में लाल पल्प एवं सफेद पल्प के रूप में होता है।
ट्रेकिया में कंकालीय संयोजी ऊतक पाया जाता है।
तरल संयोजी ऊतक का कार्य क्या है?
तरल संयोजी ऊतक का कार्य प्रोटीन को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाना है।
त्वचा के नीचे अन्तराली संयोजी ऊतक पाया जाता है।
थाइमस में जालिकामय संयोजी ऊतक पाया जाता है।
द्रव संयोजी ऊतक (Fluid Connective Tissue) कशेरूकीय प्राणियों में उपस्थित रक्त एवं प्लाजमा को कहते है …
द्रव संयोजी ऊतक का कार्य प्रोटीन को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाना है।
धमनी में अन्तराली संयोजी ऊतक पाया जाता है।
प्लाज्मा कोशिका (plasma cell) वास्तविक संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ है जिसे प्लाज्मा-B कोशिका एवं प्रभावक-B कोशिकाएं भी कहा जाता है। प्लाज्मा कोशिकाओं का कार्य प्रतिरक्षी पदार्थों का संश्लेषण करना है।
प्लाज्मा-B कोशिका वास्तविक संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ है जिसे प्लाज्मा कोशिका एवं प्रभावक-B कोशिकाएं भी कहा जाता है। प्लाज्मा-B कोशिकाओं का कार्य प्रतिरक्षी पदार्थों का संश्लेषण करना है।
फाइब्रोब्लास्ट वास्तवित संयोजी ऊतक में उपस्थित जैविक कोशिकाएँ है …
ब्रोंकाई में कंकालीय संयोजी ऊतक पाया जाता है।
भ्रूण की ऑवल में श्लेष्मी संयोजी ऊतक पाया जाता है।
मुर्गे की कलंगी में श्लेष्मी संयोजी ऊतक पाया जाता है।
रूधिर तरल संयोजी ऊतक है।
लसिका तरल संयोजी ऊतक है।
लेरिंक्स में कंकालीय संयोजी ऊतक पाया जाता है।
शरीर के अन्तः कंकाल का निर्माण कंकालीय संयोजी ऊतक द्वारा होता है।
शिराओं की भित्तियों पर अन्तराली संयोजी ऊतक पाया जाता है।
श्लेष्मी संयोजी ऊतक (Mucous connective tissue) भ्रूण के कई हिस्सों में विशेष रूप से त्वचा के नीचे और गर्भनाल “वार्टन की जेली” में पाया जाता है …
श्लेष्मी संयोजी ऊतक कहाँ पाया जाता है?
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