(p – 1) वां अधिस्वर को p वां सन्नादी कहते है।
p वां सन्नादी को (p – 1) वां अधिस्वर कहते है।
तृतीय सन्नादी को क्या कहते है?
द्वितीय सन्नादी को क्या कहते है?
प्रथम अधिस्वर को द्वितीय सन्नादी कहते है।