2-प्रोपेनोन में α-हाइड्रोजन परमाणु होने के कारण वह कौन-सी समावयवता प्रदर्शित करता है?
2-प्रोपेनोन में α-हाइड्रोजन परमाणु होने के कारण वह चलावयवता प्रदर्शित करता है।
CH3COCH3 में α-हाइड्रोजन परमाणु पाये जाने के कारण वह कौन-सी समावयवता प्रदर्शित करता है?
CH3COCH3 में α-हाइड्रोजन परमाणु पाये जाने के कारण वह चलावयवता प्रदर्शित करता है।
अम्लीय लवण उस लवण को कहते है जिसका निर्माण अकार्बनिक अथवा कार्बनिक अम्ल के विस्थापनीय (स्थानान्तरित होने वाले) हाइड्रोजन परमाणुओं के आंशिक विस्थापन द्वारा होता है।
एथेनॉल में अधिकतम् हाइड्रोजन बन्ध पाने का कारण इसमें उपस्थित हाइड्रोजन-परमाणु विद्युतऋणी ऑक्सीजन परमाणु से जुड़ा होना है।
एथेनॉल में अधिकतम् हाइड्रोजन बन्ध पाया जाता है क्योंकि इसमें हाइड्रोजन-परमाणु विद्युतऋणी ऑक्सीजन परमाणु से जुड़ा होता है।
एसीटोन चलावयवता प्रदर्शित करता है क्योंकि इसमें α-हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होता है।
एसीटोन में α-हाइड्रोजन परमाणु होने के कारण वह कौन-सी समावयवता प्रदर्शित करता है?
एसीटोन में α-हाइड्रोजन परमाणु होने के कारण वह चलावयवता प्रदर्शित करता है।
किसी अकार्बनिक अम्ल के विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं से आंशिक विस्थापन द्वारा अम्लीय लवण का निर्माण होता है।
किसी अकार्बनिक अम्ल के विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं से आंशिक विस्थापन द्वारा किस लवण का निर्माण होता है?
किसी अम्ल के सभी विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं को धातु परमाणुओं से विस्थापित करने पर निर्मित लवण को क्या कहते है?
किसी अम्ल के सभी विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं को धातु परमाणुओं से विस्थापित करने पर निर्मित लवण को सामान्य लवण कहते है।
किसी कार्बनिक अम्ल के विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं से आंशिक विस्थापन द्वारा किस लवण का निर्माण होता है?
चलावयवता केवल उन कीटोनों में सम्भव जिनमें कम से कम एक α-हाइड्रोजन परमाणु होता है जो कीटोनिक समूह को इनोलिक समूह में परिवर्तित कर सकता है।
डाइमेथिल कीटोन में α-हाइड्रोजन परमाणु होने के कारण वह कौन-सी समावयवता प्रदर्शित करता है?
डाइमेथिल कीटोन में α-हाइड्रोजन परमाणु होने के कारण वह चलावयवता प्रदर्शित करता है।
फॉस्फोरस के ऑक्सी-अम्लों की प्रबलता ऑक्सीजन पर लगे हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या बढ़ाने पर बढ़ती है।
बोहर सिद्धान्त के अनुसार हाइड्रोजन परमाणु के द्वितीय कक्ष में गति करते हुए इलेक्ट्रॉन के संवेग का आघूर्ण h/π होगा।
बोहर सिद्धान्त के अनुसार हाइड्रोजन परमाणु के द्वितीय कक्ष में गति करते हुए इलेक्ट्रॉन के संवेग का आघूर्ण कितना होगा?
यदि हाइड्रोजन परमाणु की बोर की पहली की बोर की पहली कक्षा में इलेक्ट्रॉन की गति x है, तब इलेक्ट्रॉन की तीसरी कक्षा में गति x/3 होगी।
यदि हाइड्रोजन परमाणु की बोर की पहली की बोर की पहली कक्षा में इलेक्ट्रॉन की गति x है, तब इलेक्ट्रॉन की तीसरी कक्षा में गति कितनी होगी?
यदि हाइड्रोजन परमाणु को आयनित करने के लिए 13.6 eV ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो कक्षक n = 2 से इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा कितनी होगी?
वह लवण जिसका निर्माण अकार्बनिक अम्ल के विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं के आंशिक विस्थापन द्वारा होता है, उस अम्ल को क्या कहते है?
वह लवण जिसका निर्माण अम्ल के सभी विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं को धातु परमाणुओं से विस्थापित करने पर होता है, उसे क्या कहते है?
वह लवण जिसका निर्माण अम्ल के सभी विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं को धातु परमाणुओं से विस्थापित करने पर होता है, उसे सामान्य लवण कहते है।
वह लवण जिसका निर्माण कार्बनिक अम्ल के विस्थापनीय हाइड्रोजन परमाणुओं के आंशिक विस्थापन द्वारा होता है, उस अम्ल को क्या कहते है?
हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव 13.6 वोल्ट है तो हाइड्रोजन परमाणु के इलेक्ट्रॉन को n = 2 अवस्था से हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा 3.4 eV होगी।
हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव 13.6 वोल्ट है तो हाइड्रोजन परमाणु के इलेक्ट्रॉन को n = 2 अवस्था से हटाने के लिए आवश्यक ऊर्जा कितनी होगी?
हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा 13.6 eV है, तो He+ आयन की आयनन ऊर्जा कितनी होगी?
हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा 13.6 eV है, तो Li2+ आयन की आयनन ऊर्जा कितनी होगी?
हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा 13.6 eV है। He+ तथा Li2+ आयनों की आयनन ऊर्जाएँ 54.4 eV, 122.4 eV होगी।
हाइड्रोजन परमाणु की बॉमर श्रेणी कहाँ प्राप्त होती है?
हाइड्रोजन परमाणु की लाइमन श्रेणी कहाँ प्राप्त होती है?
हाइड्रोजन परमाणु की लाइमन श्रेणी विद्युत-चुम्बकीय विकिरण के UV भाग में प्राप्त होती है।
हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन की मूल अवस्था से प्रथम उत्तेजित अवस्था तक उत्तेजित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा …
हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन की मूल अवस्था से प्रथम उत्तेजित अवस्था तक उत्तेजित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा कितनी होगी?
हाइड्रोजन परमाणु में, जब इलेक्ट्रॉन अनन्तता से स्थिर अवस्था (n = 1) में गिरता है तब निकलने वाले विकिरण का तरंग-दैर्ध्य 91 नैनोमीटर होगा।
हाइड्रोजन परमाणु में, जब इलेक्ट्रॉन अनन्तता से स्थिर अवस्था (n = 1) में गिरता है तब निकलने वाले विकिरण का तरंग-दैर्ध्य कितना होगा?