चार्टर अधिनियम, 1833 के अन्तर्गत बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया था।
चार्टर अधिनियम, 1833 के अन्तर्गत भारतीय कानूनों का वर्गीकरण किया गया व इस कार्य के लिए विधि आयोग का गठन किया गया था।
चार्टर अधिनियम, 1833 के द्वारा 1843 ई० में भारत में दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया था।
चार्टर अधिनियम, 1833 के द्वारा भारत में दास प्रथा को विधि विरुद्ध घोषित कर दिया गया था।
चार्टर अधिनियम, 1833 ने सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरु करने का प्रयास किया था।