निर्वाचन पद्धति का आरम्भ किया जाना, भारत परिषद् अधिनियम, 1892 की एक प्रमुख विशेषता थी।
भारत परिषद् अधिनियम, 1892 के द्वारा केन्द्रीय विधान सभा के अतिरिक्त मनोनीत सदस्यों की संख्या अधिक से अधिक 16 निश्चित की गई थी।
भारत परिषद् अधिनियम, 1892 के द्वारा केन्द्रीय विधान सभा के अतिरिक्त मनोनीत सदस्यों की संख्या कम से कम 10 निश्चित की गई थी।
भारत परिषद् अधिनियम, 1892 के माध्यम से केन्द्रीय व प्रान्तीय विधान परिषदों में अतिरिक्त सदस्यों की संख्या बढ़ायी गयी थी।