1919 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत भारत में द्वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई थी।
1919 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत राज्य परिषद् के सदस्यों की संख्या 60 थी।
केन्द्र में द्विसदनात्मक विधायिका की व्यवस्था 1919 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत की गई थी।
प्रथम, राज्य परिषद् तथा द्वितीय, केन्द्रीय विधानसभा को 1919 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत स्थापित किया गया था।
भारत में पहली बार लोक सेवा आयोग की स्थापना गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1919 अधिनियम से हुई थी।
भारत शासन अधिनियम, 1919 की मुख्य विशेषता क्या थी?
भारत शासन अधिनियम, 1919 की मुख्य विशेषता प्रान्तों में द्वैध-शासन (Duarchy) की स्थापना थी।
भारत शासन अधिनियम, 1919 के आधार पर प्रांतों में आंशिक रुप से उत्तरदायी सरकार की स्थापना की गई थी।
भारत शासन अधिनियम, 1919 के जन्मदाता कौन थे?
भारत शासन अधिनियम, 1919 के जन्मदाता भारत सचिव मॉण्टेग्यू और भारत के गवर्नर जनरल चेम्सफोर्ड थे।
भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा केन्द्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना की गयी थी।
भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा प्रान्तों में द्वैध शासन का जनक लियोनेल कर्टिस को माना जाता है।
भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा महिलाओं को मत देने का अधिकार दिया गया था।
भारत शासन अधिनियम, 1919 को मोंटेग्यु चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से भी जाना जाता है।
भारत शासन अधिनियम, 1919 ने केन्द्र में द्वैध शासन प्रणाली को स्थापित किया था।
भारत सरकार अधिनियम, 1919 के अधीन लोक सेवा आयोग की स्थापना 1926 ई० में की गई थी।
भारत सरकार अधिनियम, 1919 के अधीन लोक सेवा आयोग की स्थापना कब की गई थी?