1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच राज्य सूची में 54 विषय थे।
1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच राज्य सूची में कितने विषय थे?
1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच संघीय सूची में 59 विषय थे।
1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच संघीय सूची में कितने विषय थे?
1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच समवर्ती सूची में 36 विषय थे।
1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच समवर्ती सूची में कितने विषय थे?
केन्द्र में द्वैध शासन प्रणाली का शुभारंभ 1935 के भारत सरकार अधिनियम के द्वारा किया गया था।
प्रांतीय सेवा आयोग की स्थापना 1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत की गयी थी।
प्रांतों को स्वतंत्र और स्वशासित संवैधानिक आधार 1935 के भारत सरकार अधिनियम के द्वारा प्रदान किया गया था।
प्रांतों में द्वैध शासन व्यवस्था का अन्त 1935 के भारत सरकार अधिनियम के द्वारा किया गया था।
भारत के ‘मिनि संविधान’ का दर्जा 1935 के भारत सरकार अधिनियम को दिया गया है।
भारत में फेडरल (संघीय) न्यायालय की स्थापना 1935 के भारत सरकार अधिनियम के द्वारा की गई थी।
भारत में संघात्मक सरकार की स्थापना 1935 के भारत सरकार अधिनियम के द्वारा की गयी थी।
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत हुई थी।
महिलाओं के लिए अलग निर्वाचन व्यवस्था 1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत की गयी थी।
संघीय लोक सेवा आयोग की स्थापना 1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत की गयी थी।
संयुक्त सेवा आयोग की स्थापना कुछ राज्यों के लिए 1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत की गयी थी।