पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा आयोजित कन्नौज सभा में विभिन्न धर्मों एवं सम्प्रदयों के आचार्यों को बुलाया गया था।
शैवमत के सैद्धान्तिक पक्ष को शैव बुद्धिजीवियों (आचार्यों) ने पूर्ण किया था।