कंपनी के ‘अधिकार-पत्र’ को ‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के द्वारा 20 वर्षों तक बढ़ा दिया गया था।
भारत का ‘अधिकार पत्र’ संविधान के भाग-3 को कहा जाता है।