तमिल साहित्य का स्वर्णयुग अगस्त्य युग के नाम से जाना जाता है।
दक्षिण भारत में आर्य संस्कृति अगस्त्य ऋषि ने फैलाई थी।
सल्तनत काल के ऐतिहासिक ग्रंथ कृष्ण चरित के लेखक का नाम अगस्त्य था।
सल्तनत काल के ऐतिहासिक ग्रंथ प्रताप रुद्रदेव-यशोभूषण के लेखक का नाम अगस्त्य था।