अग्निकुल के राजपूतों में सर्वाधिक प्रसिद्ध राजवंश प्रतिहार राजवंश था।
आर्य समाज के लोग मनुष्य एवं देवता के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभानेवाले अग्नि देवता के रूप में पूजा करते थे।
ऋग्वेद में अग्नि के लिए 200 ऋचाओं की रचना की गई है।
ऋग्वैदिक काल में देवता एवं मनुष्य के बीच मध्यस्थ करने का सम्बन्ध अग्नि देवता से था।
फारस सभ्यता की जाति के लोग अग्नि, सूर्य, चन्द्रमा तथा वायु की पूजा करते थे।
भारत की प्रथम माध्यम दूरी वाली मिसाइल अग्नि थी।