सम्पत्ति के अधिकार को मूल अधिकार की श्रेणी से हटाकर अनुच्छेद 300 (क) के अंतर्गत रखा गया है।
संविधान के अनुच्छेद 300 (क) में सम्पत्ति के अधिकार को संवैधानिक अधिकार बताया गया है।