44वें संविधान संशोधन, 1978 के द्वारा सम्पत्ति के मूल अधिकार को हटाकर भाग 12 में अनुच्छेद-300 (क) के तहत कानूनी अधिकार बना दिया गया है।
अनुच्छेद-300 (क) के तहत सम्पत्ति का अधिकार अब एक कानूनी अधिकार है।
विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किये जाने का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद-300 (क) में किया गया है।