अस्पृश्यता निवारण अधिनियम, 1955 का नाम बदलकर नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1976 कर दिया गया है।
अस्पृश्यता निवारण अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत छुआछूत एक दण्डनीय अपराध है।