अथर्ववेद का उपवेद क्या है?
अथर्ववेद का उपवेद शिल्पवेद है।
अथर्ववेद की दो शाखाएं कौन-कौन सी हैं?
अथर्ववेद की दो शाखाएं पिप्पलाद एवं शौनक हैं।
अथर्ववेद की रचना अथर्वा ऋषि ने की थी।
अथर्ववेद की संहिता में कुल 20 कांड हैं।
अथर्ववेद की संहिता में कुल 5987 मंत्रों का संग्रह है।
अथर्ववेद की संहिता में कुल 731 सूक्त हैं।
अथर्ववेद की संहिता में कुल कितने कांड हैं?
अथर्ववेद की संहिता में कुल कितने मंत्रों का संग्रह है?
अथर्ववेद की संहिता में कुल कितने सूक्त हैं?
अथर्ववेद में ‘मृत्युलोक का देवता’ किसे बताया गया है?
अथर्ववेद में कितने मंत्र ऋग्वेद से उद्धृत हैं?
अथर्ववेद में जादू-टोना तथा तंत्र-मंत्र का उल्लेख है।
अथर्ववेद में परीक्षित को ‘मृत्युलोक का देवता’ बताया गया है।
अथर्ववेद में ब्राह्मण ग्रंथों की संख्या 1 है।
अथर्ववेद में ब्राह्मण ग्रंथों की संख्या कितनी है?
अथर्ववेद में मगध में निवास करने वाले लोगों को ‘व्रात्य’ कहा गया है।
अथर्ववेद में मगध में निवास करने वाले लोगों को क्या कहा गया है?
अथर्ववेद में लगभग 1200 मंत्र ऋग्वेद से उद्धृत हैं।
अथर्ववेद में वेदत्रयी नहीं आता है।
अथर्ववेद वेदत्रयी के अन्तर्गत नहीं आता है।
अथर्ववेद सभा एवं समिति को प्रजापति की दो पुत्रियां कहा गया है।
चारों वेदो के नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद हैं।
ब्रह्मवेद अथर्ववेद को कहा जाता है।
शिव को शर्व, भव, पशुपति तथा भूपति अथर्ववेद में कहा गया है।
सबसे बाद का वेद अथर्ववेद है।
सामान्य मनुष्यों के विचारों , विश्वासों एवं अंधविश्वासों आदि का वर्णन अथर्ववेद में है।