भारतीय व्यय समीक्षा हेतु ‘बैलबाई आयोग’ की नियुक्ति’ भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के प्रथम चरण (1885 ई० से 1905 ई०) की प्रारम्भिक उपलब्धियों में से एक थी।