भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का तृतीय चरण ‘गांधी युग’ के नाम से जाना जाता है।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का तृतीय चरण किस नाम से जाना जाता है?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का द्वितीय चरण 1905 ईसवी से 1919 ईसवी तक था।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का द्वितीय चरण कब से कब तक था?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के तृतीय चरण में उग्रवाद के तीन प्रमुख स्तम्भ कौन-कौन कहलाते थे?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के तृतीय चरण में उग्रवाद के तीन प्रमुख स्तम्भ लाल, बाल एवं पाल कहलाते थे।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण को किसके उदय का काल माना जाता था?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण को नव राष्ट्रवाद अथवा उग्रवाद के उदय का काल माना जाता था।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण में किन-किन आन्दोलनों का सूत्रपात हुआ था?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण में क्रांतिकारियों ने बाल गंगाधर तिलक के किस नारे को अपना आर्दश घोषित किया था?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण में क्रांतिकारियों ने बाल गंगाधर तिलक के नारे ‘अनुनय विनय नहीं अपितु युयुत्सा’ को अपना आर्दश घोषित किया था।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण में क्रांतिकारी आतंकवाद के प्रमुख केन्द्र कौन-कौन थे?
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण में क्रांतिकारी आतंकवाद के प्रमुख केन्द्र बंगाल, पंजाब एवं महाराष्ट्र थे।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के द्वितीय चरण में स्वदेशी एवं क्रांतिकारी आतंकवाद आन्दोलनों का सूत्रपात हुआ था।